अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें? (उदाहरण, प्रकार और प्रारूप) (2023)

आज हम यहाँ पर अनौपचारिक पत्र लेखन के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे। यदि आप अनौपचारिक पत्र लेखन के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े।

अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें? (उदाहरण, प्रकार और प्रारूप) (1)

विषय सूची

अनौपचारिक पत्र क्या होते हैं?

इस श्रेणी के अंतर्गत व्यक्तिगत पत्र आते हैं। व्यक्तिगत पत्र से तात्पर्य ऐसा पत्रों से है, जिन्हें व्यक्तिगत मामलों के संबंध में परिवारिक सदस्यों, मित्रों एवं अन्य परिजनों को लिखा जाता है। अतः हम कह सकते हैं व्यक्तिगत पत्र के आधार पर व्यक्तिगत संबंध होते हैं।

जैसे – पिता पुत्र को लिखा गया पत्र, मित्र को लिखा गया पत्र, संबंधी को लिखा गया पत्र, परिजनों को लिखा गया पत्र या अपने माता-पिता को लिखा जाता है।

अनौपचारिक पत्र अपने माता-पिता, परिजनों, दोस्तों या सगे संबंधियों को लिखा जाता है। ये पत्र पूरी तरह से निजी या व्यक्तिगत होते हैं। इस तरह के पत्रों में व्यक्ति अपनी भावनाओं, विचारों व सूचनाओं को अपने प्रियजनों को भेजते हैं।
इस तरह के पत्रों में भाषा बहुत ही सरल, सहज और मधुर होती है।

अनौपचारिक पत्र अपने प्रियजनों का हालचाल पूछने या उन्हें निमंत्रण भेजने, धन्यवाद देने या कोई महत्वपूर्ण सूचना देने के लिए लिखे जाते हैं। इसीलिए ऐसे पत्रों में शब्दों की संख्या लिखने वाले व्यक्ति पर निर्भर करती है।

अनौपचारिक पत्र के प्रकार

अनौपचारिक पत्र अपने सगे, संबंधियों, रिश्तेदारों और परिवारजनों को लिखा जाता है, जो विभिन्न उद्देश्यों से हो सकता है:

  • निवेदन पत्र
  • अनुमति पत्र
  • निमंत्रण पत्र
  • बधाई पत्र
  • शुभकामना पत्र
  • आभार प्रदर्शन पत्र
  • संवेदना, सहानुभूति या सांत्वना पत्र
  • नाराजगी/खेद पत्र
  • सूचना/वर्णन संबंधी पत्र
  • सुझाव/सलाह पत्र
  • क्षमायाचना एवं आश्वासन संबंधी पत्र

अनौपचारिक पत्र के अंग

अनौपचारिक पत्र के निम्नलिखित मुख्य अंग होते हैं:

पत्र लेखक का पता

अनौपचारिक पत्र लिखते वक्त सबसे पहले पत्र लेखक का पता लिखना होता है, जो पत्र के सबसे बड़ी और ऊपर लिखा जाता है। ध्यान रहे यदि आप अनौपचारिक पत्र को परीक्षा के उद्देश्य से या टेस्ट के उद्देश्य से अपने परीक्षा भवन यदि विद्यालय के भवन में लिख रहे हैं तो वहां पर बस ‘परीक्षा भवन’ लिखना होता है। वहां पर किसी भी प्रकार का ऐसा संकेत नहीं देना होता है, जिससे उस स्थान के बारे में कोई भी निजी जानकारी मिलें।

दिनांक

दिनांक अनौपचारिक पत्र का दूसरा मुख्य अंग है। पत्र में सबसे ऊपर पत्र लेखक का पता लिखने के बाद उसके नीचे पत्र जिस दिन लिख जा रहा है, उसका दिनांक लिखना होता है।

संबोधन

दिनांक लिख लेने के बाद अनौपचारिक पत्र का तीसरा अंग संबोधन होता है। अनौपचारिक पत्र में विभिन्न प्रकार के संबोधन का प्रयोग किया जाता है, जो अपने से छोटे और बड़ों के लिए अलग-अलग होता है।

यह उन्हें प्यार और सम्मान व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है और संबोधन शब्दों से अनुमान लग पाता है कि पत्र, पत्र लेखक के उम्र से किसी छोटे व्यक्ति या फिर उम्र से बड़े व्यक्ति को लिखा जा रहा है। अनौपचारिक पत्र में निम्नलिखित संबोधन का प्रयोग किया जाता है:

  • प्रिय
  • आदरणीय
  • पूज्य
  • श्रद्धेय

शिष्टाचार शब्द

जब पत्र लिखने की शुरुआत की जाती है, जहां पर मुख्य जानकारी लिखना होता है। वहां पर उसकी शुरुआत पहले शिष्टाचार या अभिवादन के साथ किया जाता है, जो कुछ शब्द इस प्रकार हैं- नमस्कार, चरणस्पर्श, प्रणाम,वंदे, सस्नेह/सप्रेम नमस्ते, प्रसन्न रहो, चिरंजीवी रहो आदि।

विषयवस्तु – विषयवस्तु अनौपचारिक पत्र का मुख्य अंग होता है, जहां पर लेखक संप्रेषित को लिखी जाने वाली सभी जानकारी का वर्णन करता है। जिस उद्देश्य से लेखक पत्र को लिख रहा है, वहां पर वह अपने सभी बातें और विचारो को व्यक्त करता है और इसी से लेखक की अभिव्यक्ति, क्षमता, उसके भाषा या कथ्य को प्रस्तुत करने के तरीके के बारे में पता चल पाता है।

समापन निर्देश या स्वनिर्देश- यह अंग पत्र का मुख्य विषय वस्तु जानकारी होने के बाद आता है। यह पत्र का अंतिम चरण होता है। यहाँ पत्र जिस व्यक्ति को पत्र लिखा जाता है, उसके स्वास्थ्य संबंधित या उसके परिवार के संबंधित पूछताछ पर आदर सम्मान के भाव को व्यक्त किया जाता है।

उसके बाद अंत में सबसे दाईं तरफ पत्र लिखने वाले और पत्र जिस व्यक्ति को लिखा जा रहा है, उसके संबंधों के आधार पर संबंध सूचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है। जैसे कि तुम्हारा अपना…., आपका स्नेहआकांक्षी…, आपका ही इत्यादि और फिर इसी के नीचे पत्र लेखक को अपना नाम लिखना होता है।

अनौपचारिक पत्र लिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें

  • अनौपचारिक पत्र भले ही अपने सगे-संबंधी या परिवार जनों को लिखा जा रहा है। फिर भी इस पत्र को लिखते वक्त भाषा का सरल और स्पष्ट होना जरूरी है ताकि पत्र भेजने वाले व्यक्ति को पत्र में लिखी गई जानकारी अच्छी तरीके से समझ में आएं।
  • पत्र को ज्यादा बढ़ा चढ़ाकर ना लिखते हुए संक्षिप्त में लिखे। इस तरह कम शब्दों में अधिक जानकारी होनी चाहिए।
  • अनौपचारिक पत्र अपने सगे-संबंधियो और छोटों को लिखा जाता है। ऐसे में पत्र में एक दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना अच्छी तरीके से व्यक्त होनी चाहिए।
  • पत्र में पत्र लेखक की आयु, उसकी योग्यता, उसके पद इत्यादि जैसी जानकारी को ध्यान रखा जाना चाहिए।
  • औपचारिक पत्र को लिखते वक्त ध्यान रहे कि पत्र का आरंभ और अंत प्रभावशाली होने चाहिए।
  • पत्र में ज्यादा कांट छांट नहीं होना चाहिए, इससे पत्र गंदा दिखेगा। पत्र को स्वच्छ होना चाहिए।

अनौपचारिक पत्रों के उदाहरण | अनौपचारिक पत्र फोर्मेट | अनौपचारिक पत्र इन हिंदी

उदाहरण 1. मित्र को अपनी बड़ी बहन की शादी में आमंत्रित करने के लिए पत्र लिखिए?

डी-124, सुभाष नगर
नई दिल्ली
दिनांक-12/1/2021

मैं यहां कुशल पूर्वक हूं। आशा करता हूं तुम भी कुशल पूर्वक होंगे। तुम्हें यह बताते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरी बड़ी बहन की शादी 15 मार्च 2021 को निश्चित हुआ है। लड़के वाले दिल्ली में ही रहते हैं और बहुत ही अच्छा परिवार है। लड़का पंजाब नेशनल बैंक में बैंक मैनेजर के पद पर कार्यरत है। शादी का कार्यक्रम 5 दिनों का है।

मुझे पता है कि तुम अपनी पढ़ाई में बहुत व्यस्त हो। किंतु मैं तुम से अनुरोध करना चाहता हूं कि इस खुशी के अवसर पर तुम अपने परिवार के साथ शादी में सम्मिलित होने के लिए अवश्य यहां आओ। मैंने अपने सारे दोस्तों को शादी में आमंत्रित किया है तो तुम्हें भी बहुत अच्छा लगेगा। हम लोग अपने सारे दोस्तों से मिलकर बहुत मस्ती करेंगे।

इसलिए तुम शादी समारोह में 2 दिन पहले ही अपने परिवार के साथ यहां पहुंच जाना और अपने आने की सूचना मुझे अवश्य देना ताकि मैं तुम्हें रेलवे स्टेशन से लेने के लिए आ जाऊं। मुझे उम्मीद है कि तुम यहां जरूर आओगे और मुझे निराश नहीं करोगे मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा।

तुम्हारा प्रिय मित्र
सुधांशु

(Video) Anaupcharik Patra -अनौपचारिक पत्र - अर्थ प्रकार एवं प्रारूप INFORMAL LETTER IN HINDI- (पत्र लेखन)

अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें? (उदाहरण, प्रकार और प्रारूप) (2)

उदाहरण 2. राखी नहीं मिलने पर दुख प्रकट करते हुए अपनी छोटी बहन को पत्र लिखिए?

परीक्षा भवन
पी-098, सिमरिया रोड
क्यूल, बिहार
दिनांक- 23/8/2021

छोटी बहन मुन्नी
शुभ-आशीर्वाद

मैं यहां कुशल से हूं। आशा करता हूं तुम भी कुशल पूर्वक होगी। बहुत दिनों से मैं तुम्हारे पत्र का इंतजार कर रहा था किंतु मुझे तुम्हारा कोई भी पत्र नहीं मिला, इसलिए मुझे बहुत चिंता हो रही थी। मुझे पता है कि तुम्हारी परीक्षाएं चल रही है, इसलिए तुम अपनी पढ़ाई में व्यस्त हो किंतु मैं तुमसे थोड़ा सा नाराज हूं। क्योंकि इस साल 22 अगस्त को रक्षाबंधन था और तुमने अभी तक मुझे राखी नहीं भेजी।

मैं हर साल तुम्हारी राखी का बेसब्री से इंतजार करता हूं किंतु इस साल मैं इंतजार ही करता रह गया और मुझे तुम्हारी राखी नहीं मिली। मैं रक्षाबंधन के दिन पूरा मायूस बैठा रहा और यही सोचता रहा कि शायद शाम तक भी तुम्हारा राखी मुझे मिल जाए तो मैं खुश हो जाऊंगा। अच्छा कोई बात नहीं अगले साल से मुझे समय से पहले ही राखी भेज देना ताकि मुझे इस साल की भांति पछताना ना पड़े। अपना ख्याल रखना और पढ़ाई अच्छे से करना मम्मी पापा से मेरा प्रणाम कहना।

तुम्हारा भाई
मिहिर

Read Also: औपचारिक पत्र कैसे लिखें? (उदाहरण और प्रारूप)

उदाहरण 3. आपके पिताजी ने आपके वार्षिक परीक्षा में प्रथम आने पर आपको घड़ी उपहार में भेजा है उन्हें धन्यवाद प्रकट करने के लिए पत्र लिखिए।

परीक्षा भवन

एफ-211

नेहरू मार्ग
देहरादून, उत्तराखंड
दिनांक- 5 अप्रैल 2021

आदरणीय पिताजी
सादर प्रणाम

मैं यहां कुशल पूर्वक हूं। आशा करता हूं आप सब लोग कुशल पूर्वक होंगे। पिताजी आज सुबह ही मुझे आपका उपहार मिला। मैंने जब उपहार खोला तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। क्योंकि मुझे घड़ी की बहुत जरूरत थी। मैं बहुत समय से अपने लिए एक घड़ी लेने के लिए सोच रहा था। लेकिन आपने मुझे वार्षिक परीक्षा में प्रथम आने पर यह उपहार दीया है।

मैं हर साल अपनी पढ़ाई मन लगाकर करूंगा ताकि आपको गर्व महसूस हो और एक दिन पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी करूंगा। एक बार फिर से उपहार देने के लिए धन्यवाद मम्मी से मेरा प्रणाम कहिएगा और छोटे भाई बहन को मेरा प्यार दीजिए।

आपका पुत्र
रक्षित

उदाहरण 4. अपने मित्र को अनजाने में दुख पहुंचाने पर शर्मिंदा हो इसके लिए पछताव भरा पत्र लिखो?

परीक्षा भवन
डी-009
रेलवे कॉलोनी
जमालपुर
दिनांक-5/5/21

प्रिय मित्र निखिल
सप्रेम नमस्कार

मित्र मैं यहां कुशल से हूं। आशा करता हूं तुम भी बहुत कुशल पूर्वक होंगे। बहुत दिनों से तुम्हारा पत्र आना बंद हो गया। मुझे पता है कि तुम मुझसे नाराज हो। पिछली होली में मुझसे जाने अनजाने तुम्हारे गणित की पुस्तक पानी में गिर गई और होली के 1 दिन बाद ही गणित की का परीक्षा थी।

मुझे बहुत खेद है कि तुम अच्छे से तैयारी नहीं कर पाए सच कहूं तो मुझे बहुत पछतावा हो रहा है कि मेरी वजह से तुम्हारा परीक्षा अच्छा नहीं गया। मुझे इसके लिए माफ कर देना आशा करता हूं कि तुम इसके लिए मुझे माफ कर दोगे। मैं तुम्हारे लिए एक नई गणित की पुस्तक भेज रहा हूं, तुम्हें अच्छा लगेगा। अपना ख्याल रखना आंटी अंकल को मेरा प्रणाम कहना।

तुम्हारा मित्र
मुकुंद

उदाहरण 5. आपका मित्र बहुत दिनों से बीमार है उसके लिए पत्र लिखिए?

परीक्षा भवन
ए एल-898
नेहरू मार्ग
नई दिल्ली
दिनांक-9/2/21

प्रिय मित्र सुधांशु
सप्रेम नमस्कार

मैं यहां कुशल से हूं। आशा करता हूं तुम भी कुशल से होंगे। मुझे कल पापा का पत्र मिला, जिससे मुझे पता चला कि तुम तुम बहुत दिनों से बीमार हो और खाना पीना भी छोड़ दिए हो। दोस्त परीक्षा को केबल 2 सप्ताह ही रह गया है और ऐसे में तुम बीमार हो तो परीक्षा कैसे दोगे।

फिर भी तुम चिंता मत करो जल्द से जल्द ठीक होने की उम्मीद रखो ध्यान में रखो कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। मुझे विश्वास है कि तुम जल्द से जल्द ठीक हो जाओगे और तुम थोड़ा सा खाने पीने में भी ध्यान दो और अपनी दवाई को सही टाइम पर रोज लो और खुश रहा करो।

अगर थोड़ा सा ठीक लगे तो अपना पढ़ाई भी कर लिया करो रोज सुबह थोड़ा थोड़ा टहल लिया करो और थोड़ा योगा भी कर लिया करो। मुझे उम्मीद है कि तुम मेरी बातों को मानोगे और अपना ख्याल रखोगे। मैं जल्द से जल्द तुम्हारे पास आने की कोशिश करूंगा। तब तक अपना ख्याल रखना आंटी अंकल से मेरा नमस्ते कहना।

तुम्हारा प्रिय मित्र
गौरव

(Video) अनौपचारिक पत्र लेखन//Anoupcharic patra lekhan in Hindi//Informal letter writing in Hindi

उदाहरण 6. विद्यालय की ओर से पिकनिक जाने के लिए पिताजी से अनुमति के साथ धन की मांग करते हुए पत्र लिखिए?

परीक्षा भवन
बोर्डिंग स्कूल देहरादून
दिनांक-5/4/21

पूज्य पिताजी
सादर प्रणाम

मैं यहां कुशल पूर्वक हूं। आशा करता हूं आप सभी कुशल पूर्वक होंगे। मुझे आपको बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मैं वार्षिक परीक्षा में प्रथम स्थान लाया हूं। परीक्षा की समाप्ति के बाद विद्यालय की ओर से पिकनिक पर बेंगलुरु जाने का कार्यक्रम है। पिकनिक पर जाने के लिए ₹2000 जमा करने हैं। मुझे भी पिकनिक पर बेंगलुरु जाने का बहुत मन है।

यह महज पिकनिक नहीं है किंतु एक दर्शनीय स्थल की यात्रा भी है। इस यात्रा से मुझे नया अनुभव प्राप्त होगा साथ-साथ मनोरंजन भी होगा। मेरे क्लास के सभी दोस्त इस पिकनिक पर जा रहे हैं और मैं इस क्लास का मॉनिटर हूं तो मेरी क्लास टीचर मुझे जाने के लिए अवश्य कह रहे हैं।

अतः आपसे अनुरोध है कि आप मुझे पिकनिक पर जाने की अनुमति दें और ₹2000 भेज दें ताकि मैं पिकनिक पर जा सकूं। पिकनिक से लौटकर मैं अपने अनुभवों को आपके साथ अवश्य बांट लूंगा और अच्छी-अच्छी बातों से आपको अवगत करा लूंगा। अब मैं अपनी बातों को यहीं समाप्त करता हूं। मां को मेरा प्रणाम कहिएगा और मुन्नी और छोटू को मेरा प्यार दीजिएगा।

आपका प्रिय पुत्र
अखिलेश

अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें? (उदाहरण, प्रकार और प्रारूप) (3)

उदाहरण 7. अपने मित्र को राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में चयन होने पर बधाई भरा पत्र लिखिए?

परीक्षा भवन
बैंक रोड
महाराष्ट्र
दिनांक-7/6/21

प्रिय मित्र रणबीर
सप्रेम नमस्कार

मैं यहां कुशल से हूं। आशा करता हूं तुम भी कुशल पूर्वक होंगे। मुझे आज ही तुम्हारा पत्र मिला मुझे पत्र से पता चला कि तुम्हारा चयन राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान के रूप में हुआ है। यह जानकर अति प्रसन्नता हुई कि तुम राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के कप्तान के रूप में चुने गए हो और इसी सिलसिले में तुम लंदन भी जा रहे हो।

रणबीर तुम्हें बचपन से ही फुटबॉल खेलने का शौक रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ तुम खेलने में भी बहुत अच्छे हो तुम विद्यालय के द्वारा आयोजित फुटबाल प्रतियोगिता में हर साल भाग लेते रहे हो और विजय भी हुए हो। आज तुम्हारी ऐसी लगन और मेहनत की वजह से तुम अंतरराष्ट्रीय फुटबाल प्रतियोगिता मैं चयन हुआ है।

इसके लिए मैं तुम्हें अपनी और से अधिक शुभकामनाएं देता हूं। मेरी यही कामना है कि तुम विदेश जाकर अपने देश का नाम रोशन करो और अपने माता-पिता और शिक्षकों की उन सभी इच्छाओं और सपनों को पूरा करो, जिसके लिए वह तुम्हें तुमसे आशा करते हैं।

एक बार फिर से मैं तुम्हें शुभकामनाएं देता हूं और और यह कामना करता हूं कि तुम राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में विजय करके भारत का नाम रोशन करोगे। वहां से लौट कर आना तो अपना अनुभव मुझे जरूर बताना और अपना ख्याल रखना।

तुम्हारा प्रिय मित्र
कुणाल

उदाहरण 8. जाड़े के लिए ऊनी कपड़ों मंगवाने हेतु अपने माता को पत्र लिखिए?

परीक्षा भवन
केंद्र विद्यालय
जम्मू
दिनांक-7/1/21

पूजनीय माता जी
सादर प्रणाम

मैं यहां कुशल से हूं। आशा करता हूं आप सभी कुशल पूर्वक होंगे मेरी पढ़ाई अच्छी चल रही है। मुझे आज सुबह ही आपका पत्र मिला। आप अपने पत्र में मुझे किसी चीज की आवश्यकता हो तो बताने के लिए कहा है। तो जी हां, मुझे कुछ वस्तुओं की आवश्यकता है।

इन दिनों जम्मू में बहुत अधिक ठंड पड़ने लगी है। जाड़े के लिए मेरे पास पर्याप्त उन्हीं कपड़े नहीं है। मेरे लिए आप दो कंबल और एक कार्डिगन या स्वेटर बुनकर भिजवा दे। साथ में कुछ खाने के लिए बनाकर भिजवा दें। यह सारा सामान आप जल्द से जल्द मुझे भिजवा दें ताकि मुझे ठंड से राहत मिले। ठंड की वजह से मैं ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पा रहा हूं। मुझे डर है कि कहीं मेरी ठंड से तबीयत ना खराब हो जाए।

आशा करता हूं कि घर पर सभी लोग सब कुशल से होंगे। पिताजी को मेरा सादर प्रणाम कीजिएगा और कुणाल और गौरव को मेरा प्यार दीजिएगा।

आपका प्रिय पुत्र
निशांत

उदाहरण 9. पढ़ाई के साथ-साथ खेलों के महत्व को समझाते हुए अपने छोटे भाई को प्रेरणादायक पत्र लिखिए?

परीक्षा भवन
सुभाष नगर
कानपुर, उत्तर प्रदेश
दिनांक-7/5/21

प्रिय कुणाल
स्नेह आशीर्वाद

मैं यहां कुशल पूर्वक हूं। आशा करता हूं तुम भी कुशल पूर्वक हो गए। मुझे पता है कि तुम्हारा वार्षिक परीक्षा चल रहा है और तुम अपनी पढ़ाई मन लगा कर कर रहे होंगे। कुणाल आज भी तुम्हारे प्रधानाचार्य जी की तरफ से एक पत्र आया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि तुम पढ़ाई मैं तो अव्वल हो किंतु खेलों में तुम्हारी बिल्कुल भी रुचि नहीं है।

तुम्हारे प्रधानाचार्य चाहते हैं कि तुम जिस तरह से पढ़ाई में अव्वल हो, उसी तरह से खेलों में भी अव्वल हो और अपने विद्यालय का नाम रोशन करो। मैं तुम्हें किसी भी चीज का दबाव नहीं डाल रहा हूं कि तुम पढ़ाई छोड़ कर खेलना शुरू कर दो।

अगर तुम्हारी रूचि खेलने में नहीं है तो मैं तुम्हारे ऊपर कोई दबाव नहीं डाल रहा, किंतु मैं तुम्हें यह अवगत कराना चाहता हूं कि खेलने से हमारे शरीर स्वस्थ रहता है और अप्रत्यक्ष रूप से शरीर का भी व्यायाम होता है, जिससे चित्त प्रशन और मन रहता है।

(Video) Anaupcharik Patra Lekhan lअनौपचारिक पत्र l पत्र का प्रारूप l संबंध तालिका l पत्र के उदाहरण

इसलिए कहा भी गया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। मुझे आशा है कि तुम पढ़ाई के साथ साथ खेल में भी बराबर भाग लोगे और तुम मेरे कहे वह बातों पर गौर करोगे। मैं तुम्हारे पत्र का इंतजार करूंगा और अपना ख्याल रखो। यहां पर सब कुशल पूर्वक है।

तुम्हारा बड़ा भाई
गौरव

Read Also: कार्यालयी पत्र (सरकारी या कार्यालयी पत्र, प्रारूप और उदाहरण)

उदाहरण 10. अपने छोटे भाई के जन्मदिन पर अपने मित्र को आमंत्रित करते हुए पत्र लिखो?

परीक्षा भवन
नंदा नगर
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
दिनांक-28/3/21

प्रिय अखिल
सप्रेम नमस्कार

मैं यहां कुशल पूर्वक हूं। आशा करता हूं कि तुम और तुम्हारे परिवार में सब अच्छे होंगे। मुझे तुम्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मेरे छोटे भाई के जन्म दिवस पर हम लोग एक छोटा सा पार्टी रख रहे हैं। तुम्हें पता ही है कि 2 सालों से हम लोग कोई भी पार्टी नहीं मना पाए हैं। क्योंकि कोरोना काल में मिलना जुलना नहीं हो सका।

अभी कोरोना के मामले कुछ कम हुए हैं फिर भी हम कुछ ही लोग को बुला रहे हैं ताकि हम लोग अच्छे से पार्टी बनाने के साथ-साथ एक दूसरे से बातें भी कर सके। क्योंकि ऐसे तो हम लोग मिल ही नहीं पाते हैं। आशा करता हूं कि तुम अपने परिवार के साथ मेरे घर पर जरूर आओगे और मेरे छोटे भाई को जन्म दिवस पर आशीर्वाद दोगे। मैं तुम्हारा इंतजार करूंगा। अपने माता-पिता को मेरी तरफ से प्रणाम कहना और अपने छोटे भाई बहनों को मेरा प्यार देना।

तुम्हारा मित्र
करण

उदाहरण 11. अपने छोटे भाई को उसके जन्मदिवस पर बधाई देते हुए पत्र लिखिए?

परीक्षा भवन
प्रतापगढ़
मध्य प्रदेश
दिनांक-4/2/21

प्रिय राहुल
स्नेह आशीर्वाद

हम लोग यहां कुशल पूर्वक हैं। आशा करता हूं तुम भी कुशल पूर्वक होंगे। मुझे आज ही तुम्हारा पत्र मिला, जिससे मुझे पता चला कि तुम अपने जन्मदिवस पर मुझे अपने पास बुला रहे हो। मुझे पता है कि तुम्हारा वार्षिक परीक्षा शुरू होने वाला, है इसके लिए तुम पढ़ाई में ध्यान दे रहे हो। मैं तुम्हें तुम्हारे जन्मदिवस के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं देना चाहता हूं और मेरी यही कामना है कि तुम हर क्षेत्र में अव्वल आओ।

मेरी हार्दिक इच्छा थी कि मैं इस शुभ अवसर पर तुम्हारे पास पहुंच सकूं। किंतु तुम्हारी परीक्षा अध्ययन निकट होने के कारण मैं तुम्हें डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था। मुझे उम्मीद है कि तुम मेरी विवशता को ध्यान में रखते हुए मुझे क्षमा करोगे।

तुम्हारे जन्मदिन के शुभ अवसर पर मेरी ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं और मेरी ईश्वर से यही प्रार्थना है कि तुम जीवन में वह सब कुछ तुम्हें प्राप्त हो, जिसकी तुम कामनाएं करते हो। उन्हें जन्मदिन दिवस की समस्त शुभकामनाओं के साथ मैं अपना पत्र यहीं समाप्त करता हूं और अपना ख्याल रखना।

तुम्हारा बड़ा भाई
हिमांशु

उदाहरण 12. अपने विद्यालय की तरफ से नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी में जाने के अपने अनुभव को अपने पिताजी को बताते हुए पत्र लिखिए?

परीक्षा भवन
केंद्र विद्यालय
नई दिल्ली
दिनांक-12 अक्टूबर 2005

आदरणीय पिताजी
सादर प्रणाम

मैं यहां कुशलपूर्वक से हूं। आशा करता हूं आप सभी कुशल पूर्वक होंगे। मैं इस पत्र के माध्यम से अपने अनुभवों को आपके साथ अवगत कराना चाहता हूं पिछले सप्ताह मैं विद्यालय की तरफ से नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित पुस्तक प्रदर्शनी में गया था। विगत सप्ताह 6 अक्टूबर 2005 को दिल्ली के प्रगति मैदान में पुस्तक प्रदर्शन का आयोजन हुआ था।

मुझे भी इस पुस्तक प्रदर्शनी में जाने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ और यह पुस्तक प्रेमियों के लिए एक बहुत सुंदर आयोजन था। पिताजी आपको पता है दिल्ली के प्रगति मैदान में वहां अनेक प्रकार की पुस्तके सजी हुई थी। अनेक विश्व प्रसिद्ध लेखों की लिखी हुई पुस्तकें जो विभिन्न विषयों पर आधारित थी, वह भी वहां उपलब्ध थी।

मैंने भी अपने ज्ञान अध्ययन हेतु कुछ पुस्तकें खरीदी है। वह पुस्तक प्रदर्शनी मुझे बहुत अच्छी लगी। मैंने इस अवसर का लाभ उठाया प्रगति मैदान में दिल्ली पुस्तक मेला (दिल्ली पुस्तक मेला) का आयोजन किया जाता है। यह मेला एनबीटी इंडिया द्वारा नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (विश्व पुस्तक मेला) से अलग है।

दिल्ली पुस्तक मेला दिल्ली के कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण पुस्तक कार्यक्रम है। इससे पहले कि मैं आपको और विवरण दूं, मैं यह स्पष्ट कर दूं कि दिल्ली पुस्तक मेला (दिल्ली पुस्तक मेला) नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (विश्व पुस्तक मेला) से अलग है। दिल्ली पुस्तक मेला का आयोजन (आमतौर पर सितंबर-अक्टूबर में) इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) और द फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स (एफआईपी) द्वारा किया जाता है।

नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (विश्व पुस्तक मेला) का आयोजन नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया द्वारा (आमतौर पर फरवरी में) किया जाता है। इन दोनों मेलों का स्थान एक ही है और वह है प्रगति मैदान। अब मैं अपना पति यहीं पर समाप्त करता हूं। मां को मेरा प्रणाम और छोटों को मेरा प्यार दीजिएगा।

आपका पुत्र
अभिनव

उदाहरण 13. अपने नए विद्यालय में बने नए मित्रों के बारे में बताते हुए अपने पिता को एक पत्र लिखिए और उन्हें पत्र के माध्यम से बताइए कि आपको अपने दोस्तों में क्या अच्छा लगा?

परीक्षा भवन
केंद्र विद्यालय
नई दिल्ली
दिनांक- 4 अप्रैल 2021

आदरणीय पिताजी
सादर प्रणाम

मैं यहां कुशल से हूं और आशा करता हूं आप सभी कुशल पूर्वक होंगे। आपको बताते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरा नया विद्यालय बहुत अच्छा है और यहां पर मेरे बहुत सारे अच्छे मित्र बन गए हैं। मेरे कुछ दोस्त पढ़ाई में अव्वल है तो कुछ दोस्त खेलों में अच्छे हैं। मेरे सारे दोस्तों में जो मेरे सबसे निकट है, उसका नाम सुनील है।

(Video) अनौपचारिक पत्र प्रारूप INFORMAL LETTER IN HINDI GRAMMAR

पिताजी सुनील पढ़ने में बहुत बुद्धिमान है और वह बहुत समझदार भी है। वह अपने पुस्तक भी मेरे साथ साझा करता है। सुनील की अंग्रेजी भाषा भी बहुत अच्छी है, वह मुझे अंग्रेजी में भी बहुत कुछ सिखाता है। मैं अगली बार जब आप को पत्र लिख लूंगा तो अंग्रेजी में लिख लूंगा।

मैं यहां मन लगाकर पढ़ाई कर रहा हूं और इस बार वार्षिक परीक्षा में अव्वल आने की पूरी कोशिश करूंगा। मुझे अपने दोस्तों से बहुत कुछ सीखने के लिए मिला है। हम सब प्रतिदिन घंटो साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं और जब पढ़ाई से मन भर जाता है तो थोड़ा खेल कूद कर लेते हैं। खेल कूद करने से शरीर का व्यायाम भी हो जाता है।

आपको पता है पिताजी खेलने से शरीर स्वस्थ रहता है। पिताजी अगले सप्ताह हमारे विद्यालय में प्रतियोगिता एवं नाटकों का आयोजन होने वाला है, जिसमें मैं भाग लेने के बारे में सोच रहा हूं। जीतने वाले को बहुत से इनाम मिलेंगे। आशा करता हूं कि आप को मेरे नए दोस्त सुनील के बारे में सुनकर अच्छा लगा होगा और मैं आपके पत्र का इंतजार करूंगा। मां को मेरा प्रणाम और छोटों को मेरा प्यार दीजिएगा।

आपका पुत्र
नंदन

उदाहरण 14. अच्छी संगति का महत्त्व बताते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए?

परीक्षा भवन
एयर फोर्स स्कूल
नैनीताल
दिनांक- 4 जून 2021

प्रिय अखिल

मैं यहां कुशल पूर्वक आशा करता हूं तुम भी कुशल पूर्वक है। मुझे कल तुम्हारे प्रधानाचार्य का पत्र मिला, जिसमें उन्होंने यह बताया है कि तुम किसी बुरे संगति में पड़ गए हो और अपने शिक्षकों का बात भी नहीं मानते हो। मुझे बहुत दुख हुआ यह सुनकर के कि तुम बुरे संगति में पड़ गए हो। अखिल मैं आज कुछ अपना अनुभव तुम्हें अवगत कराना चाहता हूं।

मित्र का चुनाव वास्तव में कठिन कार्य है। क्योंकि उसकी संगति का से ही व्यक्ति में गुण दोष आते हैं और व्यक्ति अपने जीवन के आसपास के वातावरण से प्रभावित होता है। मानव के विचारों और कार्यों को उसके संस्कार वंश परंपरा यही दिशा दे सकती है। यदि उसे अच्छा वातावरण मिलता है तो कल्याण के मार्ग पर चलते हैं और उसे यदि उसे दूषित वातावरण मिलता है तो वह उसके कार्य भी उसके प्रभावित हो जाते हैं।

व्यक्ति जिस वातावरण व संगति में रहता है, उसका प्रभाव अनिवार्य रूप से उससे पड़ता है। आपका संगति आपका भविष्य तय करती है। अच्छी संगति अच्छा भविष्य बुरी संगति बुरा भविष्य। आशा करता हूं कि तुम्हें मेरी बात समझ में आ गई होगी। बुरी संगति प्रतिभावान व्यक्ति को भी बेकार और सफल बना देती है, इसलिए अपने दोस्त सावधानी से सुनो घर के एक व्यक्ति की बुरी संगति से पूरे परिवार के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।

अगर तुम्हें किसी अच्छे व्यक्ति का साथ ना मिल रहा हो तो अकेले ही आगे बढ़ना अच्छा रहता है। थोड़ी मुश्किल ही आएगी लेकिन यही आपके भविष्य के लिए अच्छा होगा। मुझे उम्मीद है कि तुम मेरी बातों को ध्यान रखोगे और शीघ्र ही अपने लिए अच्छे मित्र ढूंढोगे और गंदे मित्र को छोड़ दोगे।

मुझे शीघ्र ही तुम्हारे अगले पत्र का इंतजार रहेगा, जिसमें तुम मुझे नए मित्र के बारे में बताओगे। मन लगाकर के पढ़ाई करो सदैव अपने गुरुजनों का सम्मान करो और अपने सहपाठियों से इसने की भावना रखो। ईश्वर तुम्हारी हर मनोकामना को पूर्ण करें और अपना ख्याल रखो। पढ़ाई-लिखाई करके एक अच्छा व्यक्ति बनो।

तुम्हारा बड़ा भाई
अभिनव
स्नेह आशीर्वाद

FAQ

अनौपचारिक पत्र लेखन के मुख्य भाग में कितने भाग होने चाहिए?

अनौपचारिक पत्र के मुख्य रूप से 7 भाग होते हैं, जिसमें पहले भाग में पत्र लेखक का पता, दूसरे भाग में दिनांक, तीसरे में संबोधन, चौथे भाग में शिष्टाचार शब्द, पांचवे में विषय वस्तु, छठे में समापन निर्देश या स्वदेनिर्देश और सातवें में संबंध सूचक शब्द का प्रयोग किया जाता है।

अनौपचारिक पत्र का दूसरा नाम क्या है?

अनौपचारिक पत्र को व्यक्तिगत या पारिवारिक पत्र भी कहा जाता है। क्योंकि यह पत्र अपने निजी सगे संबंधियों, परिवारजनों और दोस्तों को लिखा जाता है। इस प्रकार के पत्र को संवेदना, आभार या कृतज्ञता, निमंत्रण व्यक्त करने के लिए लिखा जाता है।

अनौपचारिक पत्र क्या है?

अपने सगे संबंधियों, दोस्तों या परिवार जनों को लिखा जाने वाला पत्र अनौपचारिक पत्र कहलाता है, जिसमें आत्मीयता का भाव रहता है और इसमें व्यक्तिगत बातों का उल्लेख किया जाता है।

अनौपचारिक पत्र लेखन में किस प्रकार के अभिनिवेदन शब्दों का प्रयोग किया जाता है?

अनौपचारिक पत्र लिखते वक्त पत्र के नीचे दाएं और अभिवादन शब्दों को लिखा जाता है, जिसमें नमस्कार, नमस्ते, चिरंजीवी रहो, सादर चरण स्पर्श जैसे शिष्टाचारपूर्ण शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

अनौपचारिक पत्र का मूल भाग कौन सा होता है?

अनौपचारिक पत्र में जिस भाग में पत्र जिस विषय पर लिखा जाता है, उस विषय संबंधित संपूर्ण जानकारी या उस उद्देश्य का जिक्र होता है, जिस जिस उद्देश्य से पत्र को लिखा जा रहा है। इसे ही मूल भाग कहते हैं। अनौपचारिक पत्र का मूल भाग विषय वस्तु कहलाता है।

(Video) पत्र लेखन ||Letter writing |औपचारिक एवं अनौपचारिक पत्र||patr lekhan| aupacharik,anupcharik patrHindi

निष्कर्ष

यहाँ पर हमें अनौपचारिक पत्र किसे कहते हैं, अनौपचारिक पत्र के उदाहरण और इससे जुड़ी सभी जानकारी शेयर की है। उम्मीद करते हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

शिकायती पत्रसूचना लेखनसंदेश लेखन
विज्ञापन लेखननारा लेखनपत्र लेखन
तत्सम और तद्भव शब्दविशेषणकारक

Videos

1. Informal Letter in Hindi || Anopcharik Patr Lekhan ||अनौपचारिक पत्र कैसे लिखें || Grammar Vyakaran
(Hindi Kalakendra)
2. पत्र लेखन (Letter-writing) के प्रकार उदाहरण सहित(1)औपचारिक पत्र(2)अनौपचारिक पत्र part-1
(RC Online Academy)
3. पत्र लेखन का महत्त्व एवं अनौपचारिक पत्र का प्रारूप एवं उदाहरण
(Hindi with Ashish Naithani)
4. Patra lekhan।अनौपचारिक पत्र।Format बधाई पत्र,धन्यवाद पत्र,शुभकामना पत्र,संवेदना पत्र, निमंत्रण पत्र।
(Learn HINDI With PREETI)
5. औपचारिक पत्र लेखन,अनौपचारिक पत्र लेखन//Aupcharik patra lekhan,Anoupcharik patra lekhan/Letterwriting
(Kavita Education Classes)
6. IX course B HINDI grammar lesson - पत्र लेखन // अनौपचारिक पत्र लेखन प्रारूप के साथ//Letter writing
(VIMALASHARMA AP)
Top Articles
Latest Posts
Article information

Author: Aron Pacocha

Last Updated: 04/20/2023

Views: 6208

Rating: 4.8 / 5 (48 voted)

Reviews: 95% of readers found this page helpful

Author information

Name: Aron Pacocha

Birthday: 1999-08-12

Address: 3808 Moen Corner, Gorczanyport, FL 67364-2074

Phone: +393457723392

Job: Retail Consultant

Hobby: Jewelry making, Cooking, Gaming, Reading, Juggling, Cabaret, Origami

Introduction: My name is Aron Pacocha, I am a happy, tasty, innocent, proud, talented, courageous, magnificent person who loves writing and wants to share my knowledge and understanding with you.