संवाद – लेखन Dialogue Writing in Hindi
आप जानते हैं कि भाषा की आधारभूत इकाई ‘वाक्य’ है , तो संप्रेषण की आधारभूत इकाई संवाद है | हम अपनी बात को संप्रेषित करने के लिए बातचीत या वार्तालाप करते हैं | वार्तालाप के लिए हमेशा कम से कम दो लोगों की आवश्यकता होती है – ‘वक्ता’ तथा ‘श्रोता’.
What is Samvad Lekhan– संवाद लेखन क्या है
वक्ता अपने मन की बात को श्रोता तक पहुँचाता है और श्रोता उसे सुनकर समझता है और फिर वह उत्तर देता है | वक्ता अपने विचारों को श्रोता तक पहुँचाने के लिए किसी न किसी ‘कोड’ या ‘भाषा’ का सहारा लेता है | संप्रेषण के लिए यह जरूरी है कि श्रोता भी उस ‘कोड’ से परिचित हो , नही तो संप्रेषण नही होगा | निम्नलिखित आरेख के माध्यम से इसे समझिए –

यदि प्रेषित संदेश का कोड भाषा है , तो उसके दो रूप हो सकते हैं – मौखिक तथा लिखित | मौखिक भाषा में वक्ता बोलकर अपनी बात श्रोता तक पहुँचाता है , जिसे श्रोता सुनकर ग्रहण करता है | यदि भाषा लिखित है तो लेखक अपनी बात लिखकर पाठक तक पहुँचाता है , जिसे पाठक पढ़कर ग्रहण करता है | क्रमशः इसी प्रक्रिया के माध्यम से श्रोता और पाठक उन बातों को समझते हैं , जिन्हें वक्ता और लेखक द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है | यदि संदेश मौखिक है तो श्रोता कान से सुनकर और यदि लिखित है तो आँखों से पढ़कर ग्रहण करता है और उस ‘बात’ तक पहुँचता है जिस बात को वक्ता ने कहना चाहा है | फिर उसके उत्तर में श्रोता कुछ कहता है और वक्ता उसे ग्रहण करता है | इस तरह दोनों के बीच ‘वार्तालाप’ या ‘संवाद’ जन्म लेता है | संवाद लेखन class 9 hindi
संवाद में वक्ता तथा श्रोता की भूमिकाएँ बदलती रहती हैं | वक्ता की बात को ग्रहण करने के बाद जब श्रोता अपनी बात कहता है , तब वह वक्ता बन जाता है |
इस तरह से यह कहा जा सकता है कि संवाद या वार्तालाप संप्रेषण का प्रमुख आधार है |
संवाद शब्द ‘सम’ उपसर्ग तथा ‘वाद’ शब्द के मेल से बना है | ‘वाद’ का अर्थ है – कहा हुआ या कथन तथा सम का अर्थ है – सम्यक रूप से या भली प्रकार | इस तरह संवाद वे कथन हैं , जो सम्यक रूप से कहे गये हैं | संवाद के लिए आवश्यक है कि वक्ता तथा श्रोता आमने – सामने हों , लेकिन आज का युग इलेक्ट्रानिक मीडिया का युग है | विज्ञान ने संवाद के ऐसे साधन खोज निकाले हैं कि वक्ता और श्रोता आमने – सामने नही भी हैं तो भी संवाद हो जाता है ; जैसे – टेलीफोन , मोबाइल , आडियो – वीडियो – कानफ्रेसिंग आदि के द्वारा | संवाद लेखन class 9 hindi
संवाद छोटे भी हो सकते हैं और बड़े भी | एकांकी , नाटक , फिल्मों की पटकथा आदि बड़े – बड़े संवादों के उदाहरण हैं | ये संवादों के लिखित रूप हैं | इनमें अनेक पात्र होते हैं , एक कथा होती है तथा कथा के परिप्रेक्ष्य में अलग – अलग संदर्भों व स्थितियों में विभिन्न पात्रों के संवाद लिख लिए जाते हैं |
Stay on the page to understand how to write samvad lekhan in hindi.
जहाँ तक छोटे वार्तालापों या संवादों का प्रश्न है , इनका संबंध हमारे दैनिक जीवन से होता है | आप जानते हैं कि समाज में मनुष्य अलग – अलग स्थितियों एवं संदर्भों में , अलग – अलग लोगों के साथ अलग – अलग तरह से
संवाद करता है | इन संवादों के माध्यम से वक्ता और श्रोता की मनः स्थिति , मनोभाव आदि सभी को व्यक्त होने का अवसर मिलता है ; जैसे – एक बच्चा अपने दोस्त से कभी हँसकर , तो कभी नाराज होकर बात करता है | अपने अध्यापक से यदि होमवर्क नही किया है तो डरकर बात करता है ; अपनी माँ से प्रेम और आदर से बात करता है आदि | कहने का तात्पर्य यही है कि संवादों के माध्यम से विभिन्न भाव – भंगिमाओं की अभिव्यक्ति होती है , जिन्हें लिखित भाषा में व्यक्त कर पाना संभव नही होता | इनके लिए कोष्टक में कुछ संकेत मात्र ही दिए जा सकते हैं ; जैसे – मालिक – ( नौकर से गुस्से में ) निकल जा घर से बाहर |
इसके अतिरिक्त संवादों की भाषा जितनी सरल एवं पात्रानुकूल होगी , संवाद उतने ही संप्रेषणीय होंगे | उदाहरण के लिए , आप अपने ट्यूटर से कह सकते हैं कि , “महोदय , आप नित्य शाम को मुझे पढ़ाने हेतु आ जाया कीजियेगा” , पर इस तरह की भाषा का प्रयोग सब्जीवाले से सब्जी खरीदने के लिए नहीं कर सकते | उससे आप यदि कहेंगे कि – “महोदय , आप नित्य शाम को हमारे यहाँ सब्जी देने आ जाया कीजिएगा” , तो वाक्य अटपटा लगेगा | कहने का तात्पर्य इतना है कि भाषा पात्रानुकूल होनी चाहिए | अतः सब्जीवाले के लिए अधिक उपयुक्त वाक्य होगा – “भैया , हमारे यहाँ रोज शाम को सब्जी दे जाया करो |”
संवाद लेखन टिप्स- Dialogue Writing in Hindi
इस तरह संवाद – लेखन के लिए निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें –
- संवाद का मुख्य उददेश्य है – संप्रेषण अर्थात जो कुछ कहा जा रहा है , वह पूरी तरह संप्रेषित हो जाए |
- जो बात कही जा रही है , वह बोधगम्य होनी चाहिए |
- संवादों के लिए प्रयुक्त भाषा सरल , सहज और पात्रानुकूल होनी चाहिए |
- संवादों में छोटे – छोटे सरल वाक्यों का प्रयोग अधिक होना चाहिए | संयुक्त और मिश्र वाक्यों के प्रयोग से बचना चाहिए , क्योंकि यदि लंबे जटिल वाक्य होंगे , तो श्रोता सुनकर समझ नही पाएगा |
- वक्ता ने बोलते समय जिन भाव – भंगिमाओ , मौखिक चेष्टाओं का प्रयोग किया है , उन्हें संकेत रूप में कोष्टक के अंदर लिखना चाहिए |
- संवाद जितने रोचक और चुटीले होंगे , उतने ही अधिक प्रभावी होंगे | अतः प्रभावोत्पादकता का ध्यान रखना चाहिए |
- संवादों में किसी को यदि आदेश या निर्देश दिए जाने हों तो एक साथ कई आदेश – निर्देश नहीं देने चाहिए ; क्योंकि यह हो सकता है कि श्रोता सभी को अपने ध्यान में न रख पाए Samvad Lekhan in Hindi|
- संवादों में चमत्कारपूर्ण वाक्यों , अनेकार्थी वाक्यों , मुहावरे , लोकोक्तियों के प्रयोग से बचना चाहिए , क्योंकि यदि श्रोता इनको नही समझ पाता तो संप्रेषण संभव नहीं होगा |
- संवाद – लेखन के लिए जब भी किसी को निर्देश दिए जाएँ , तो स्थिति , सन्दर्भ तथा पात्रों की मनः स्थिति आदि के बारे में अवश्य बता देना चाहिए |
जैसा हमने पहले ही बताया था कि Samvad Lekhan in Hindi for Class 9 अत्यंत मात्वपूर्ण होता है तो आइए , संवाद – लेखन के कुछ नमूने देखते हैं –
नमूना – 1
एक महिला तथा सब्जीवाले के बीच संवाद –
महिला – ( सब्जीवाले से ) भैया , ये टमाटर कैसे दिए ?
सब्जीवाला – पचास रुपये किलो |
महिला – इतने महँगे ?
सब्जीवाला – क्या करें बीबी जी ! मंडी से ही महँगे आ रहे हैं | आप लीजिये | चालीस लगा दुँगा |
महिला – ठीक है , आधा किलो दे दो | और करेला क्या भाव है ?
सब्जीवाला – आपके लिए तीस रुपये किलो |
महिला – आधा किलो करेला भी दे दो |
सब्जीवाला – ( सारी सब्जियाँ देते हुए ) ये लीजिये |
( महिला सब्जीवाले को पैंतालिस रुपये देती है और सब्जी लेकर चली जाती है )
Samvad Lekhan Topics– नीचे एक डॉक्टर एवं मरीज के मध्य संवाद देखें
डाक्टर और मरीज के बीच संवाद Samvad Lekhan in Hindi –
स्थान – डाक्टर का क्लीनिक
सुधा – डाक्टर साहब , नमस्कार |
डाक्टर – आइए बैठिए | बताइए , क्या तकलीफ है ?
सुधा – डाक्टर साहब ! सर्दी लगकर तेज़ बुखार आ रहा है |
डाक्टर – ( स्टेथोस्कोप सीने तथा पीठ पर लगाकर चेक करते हुए ) खाँसी भी आती है ?
सुधा – जी , डाक्टर साहब ! सूखी खाँसी आती है |
डाक्टर – गला दिखाइए | ( टार्च की रोशनी डालकर गला देखने के बाद )
गला तो सूजा हुआ है |
सुधा – हुआ क्या है , डाक्टर साहब ?
डाक्टर – वायरल इंफेक्शन है | ये दवाइयाँ तीन दिन खाइए | ठीक हो जाएगा |
नीचे एक विवेक नामक व्यक्ति एवं एक टेक्सी वाले के मध्य संवाद देखें Samvad Lekhan Topics
विवेक और टैक्सीवाले के बीच संवाद –
स्थान – टैक्सी स्टैंड पर
विवेक – ( टैक्सीवाले से ) भैया , स्टेशन चलोगे ?
टैक्सीवाला – चलूँगा जी ! कितनी सवारियाँ हैं ?
विवेक – उससे क्या लेना – देना ? टैक्सी में जितनी एलाउड हैं , उतनी ही होंगी |
टैक्सीवाला – ठीक है बाबू जी ! सौ रूपए दे दीजिएगा |
विवेक – सौ क्यों ? मीटर से चलो |
टैक्सीवाला – मीटर से जाना है तो कोई दूसरी टैक्सी ले लीजिए |
विवेक – ठीक है | ( उसकी गाड़ी का नंबर नोट करता है और पुलिस को फोन करता है | पुलिस से तुम्हारी
शिकायत करता हूँ |
टैक्सीवाला – पुलिस का चक्कर रहने दीजिये | चलिए , मीटर से ही चलिए |
नमूना – 4
रेलवे पूछताछ – खिड़की पर विवेक और पूछताछ बाबू के बीच संवाद –
विवेक – भाई साहब , जरा बताएँगे कि गुवाहटी राजधानी किस प्लेटफार्म पर आएगी ?
पूछताछ बाबू – गुवाहटी से आने वाली या गुवाहटी को जानेवाली , कौन – सी राजधानी ?
विवेक – गुवाहटी जानेवाली |
पूछताछ बाबू – गुवाहटी राजधानी आज लेट आई है | दो घंटे देरी से रवाना होगी |
विवेक – किस प्लेटफार्म से ?
पूछताछ बाबू – अभी प्लेटफार्म की सूचना नही आई है | एक घंटे के अंदर एनाउन्समेंट हो जाएगा |
विवेक – तब तक हम लोग सामान लेकर कहाँ जाएँ ?
पूछताछ बाबू – ए० सी० वेंटिंग रूम में जाकर बैठिए | ट्रेन के बारे में सभी सूचनाएँ वहीं मिल जायेंगी |
विवेक – जी , धन्यवाद |
संवाद लेखन class 9 Hindi
पोस्ट आफिस में दिव्यांश और बाबू के बीच संवाद –
निर्देश – दिव्यांश के पिता जी उसे एक पत्र स्पीड पोस्ट करने के लिए पोस्ट आफिस भेजते हैं | दिव्यांश पोस्ट आफिस में जाकर बातचीत करता है |
( दिव्यांश पोस्ट आफिस में एक काउन्टर पर जाकर पूछताछ करता है )
दिव्यांश – भाई साहब ! मुझे एक लिफाफा ‘स्पीड पोस्ट’ से भेजना है | इसके लिए मुझे क्या करना होगा ?
बाबू – आप गलत काउंटर पर आये हैं | काउंटर सं० – 6 पर जाइए | वहाँ वे सब बता देंगे |
( दिव्यांश ‘सारी’ कहकर काउंटर सं० – 6 पर जाता है )
दिव्यांश – नमस्कार सर ! मुझे यह लिफाफा स्पीड पोस्ट से भेजना है , इसके लिए क्या करना होगा ?
बाबू – ( लिफाफा दिव्यांश से लेता है और वेइंग मशीन पर रखकर उसका वजन करता है ) इस पर 70 रुपये
का टिकट लगेगा |
दिव्यांश – ठीक है , दे दीजिये 70 रुपये का टिकट | ( 70 रुपये देता है तथा टिकट लेकर लिफ़ाफ़े पर लगा
देता है | )
लीजिए लिफाफा टिकट लगा दिया है |
बाबू – ( लिफाफा ले लेता है ) दो मिनट रुकिए , अभी इसकी रसीद देता हूँ | ( रसीद तैयार कर के दिव्यांश
को देते हुए ) लीजिए |
दिव्यांश – ( रसीद लेते हुए ) धन्यवाद !
आइये देखें दो मित्रों के बीच संवाद संवाद लेखन class 9 Hindi –
निर्देश – साहिल का मित्र करीम अपने माता – पिता के साथ कश्मीर घूमने गया है | वहाँ अचानक आई बाढ़ के कारण वे लोग कहीं फँस गये हैं | उनके विषय में चिंता व्यक्त करते हुए साहिल और उसके दूसरे दोस्त हसन के साथ हुई बातचीत |
साहिल – (अपने दोस्त हसन से) हसन ! तुम्हे पता है कि करीम अपने माता – पिता के साथ कश्मीर गया है |
हसन – हाँ ! श्री नगर से तीन दिन पहले उसने मुझे फोन भी किया था , पर उसके बाद कोई खबर नही है |
साहिल – पूरा श्री नगर बाढ़ की चपेट में है | मुझे तो करीम और उसके माता – पिता की चिंता हो रही है |
हसन – हाँ , यार ! मैं भी बहुत परेशान हूँ | किन्तु राहत की बात यह है कि सेना वहाँ मदद के लिए पहुँच
चुका है |
साहिल – मैं तो ऊपरवाले से यही प्रार्थना करता हूँ कि वे लोग सकुशल पर लौट आएँ |
नमूना – 7
पुत्र – पिता के बीच संवाद –
निर्देश – सुहेल के पिता जी बहुत सिगरेट पीते हैं | सुहेल की माँ भी उनको काफ़ी समझा चुकी हैं , पर वे नहीं मानते | इस विषय में सुहेल अपने पिता जी से बातचीत करता है |
सुहेल – पापा ! क्या मैं आपसे दो मिनट बात कर सकता हूँ ?
पापा – हाँ , हाँ , बोलो क्या बात है ?
सुहेल – पापा , आप सिगरेट के धुएँ का छल्ला कैसे बना लेते हैं ? एक दिन मैंने कोशिश की थी , पर मुझसे
नही बना |
पापा – ( गुस्सा करते हुए ) तुझे गलत काम करने की हिम्मत कैसे हुई ?
सुहेल – पापा ! आपके लिए भी तो सिगरेट पीना तो गलत काम है |
पापा – मैं तो बड़ा हूँ , तू मेरी बराबरी कैसे कर सकता है ?
सुहेल – पापा ! अभी से शुरू करूँगा , तभी तो बड़ा होकर आप जैसे छल्ले बनाउँगा |
पापा – ( कुछ सोचने लगते हैं , उनकी गर्दन शर्म से झुक जाती है ) बेटा ! तुमने तो आज मेरी आँखें खोल दी
| मैं अब कभी सिगरेट नहीं पीऊँगा |
सुहेल – धन्यवाद पापा ! मैंने भी कभी सिगरेट नहीं पी |
नमूना – 8
शिक्षण संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर दो मित्रो के बीच संवाद –
ईशान – प्रशांत , क्या तुमने आज का समाचार – पत्र पढ़ा ?
प्रशांत – नहीं , कोई विशेष खबर है क्या ?
ईशान – हाँ , गुरुग्राम के एक नामी स्कूल में पहली कक्षा में एक छात्र की हत्या कर दी गई है |
प्रशांत – यह तो बहुत दुखद घटना है | इसमें स्कूल प्रशासन से कहीं न कहीं अवश्य चूक हुई होगी |
ईशान – वह तो है , लेकिन मैं स्कूल प्रशासन के साथ – साथ समाज और सरकार को भी इसके लिए जिम्मेदार
मानता हूँ |
प्रशांत – इसके लिए समाज और सरकार कैसे जिम्मेदार है ?
ईशान – समाज इतना संवेदनहीन हो चुका है कि अपनी भौतिक लिप्सा तथा अहं की पूर्ति के लिए लोग किसी भी प्रकार की अपराधिक घटना को सहज रूप से करने को तत्पर हैं | समाज का नैतिक पतन हो चुका है और सरकारी व्यवस्था इतनी लचर है कि लोगों में उसका डर नाममात्र का भी नहीं है | ऐसे में इस प्रकार की घटनाओं का होना स्वभाविक है |
प्रशांत – तुमने बिल्कुल सही कहा है |
नमूना – 9
क्रीडा शिक्षक और छात्र के बीच संवाद –
निर्देश – सुमित और मुकेश दोनों स्कूल की क्रिकेट टीम में चुने जाने के लिए कोशिश कर रहे थे | सुमित का चयन तो हो गया , पर मुकेश को नहीं चुना गया | वह बहुत दुखी है | इस संवंध में वह क्रीडा – शिक्षक श्री किशन वर्मा से बात करने जाता है |
मुकेश – वर्मा सर ! नमस्कार ! क्या मैं आपसे बात कर सकता हूँ ?
वर्मा जी – क्यों नहीं | बताओ , क्या बात है ?
मुकेश – सर , आप तो जानते ही हैं कि मैं क्रिकेट टीम में चुने जाने के लिए नियमित रूप से प्रैक्टिस पर
आता रहा , फिर भी मेरा चयन क्यों नहीं हुआ ?
वर्मा जी – मुकेश , चयन में पूरी ईमानदारी बरती गई है | सबका चयन पर फार्मेस के आधार पर ही हुआ है |
मुकेश – पर सर ! माफ़ कीजिएगा , सुमित का चयन कैसे हो गया ? न तो बैंटिंग ही अच्छी करता है और न
बालिंग ?
वर्मा जी – मुकेश ! तुम्हारी गलत फहमी है | वह एक अच्छा विकेटकीपर है | इमरजेंसी के लिए हमे एक
अतिरिक्त विकेटकीपर की जरूरत थी , इसलिए उसका चुनाव हुआ |
मुकेश – समझ गया , सर ! मेरी गलतफहमी दूर हो गई |
नमूना – 10
दो मित्रों के बीच संवाद –
निर्देश – देश में बुलेट ट्रेन चलाए जाने की घोषणा हुई है | इस विषय पर सलीम और रंजीत में बातचीत होती है |
सलीम – यार रंजीत ! प्रधानमंत्री देश में शीघ्र ही बुलेट ट्रेन चलाने की घोषणा की है |
रंजीत – हाँ सलीम ! मैंने भी सुना है |
सलीम – रंजीत ! ये बताओ , भारत जैसे गरीब देश को बुलेट ट्रेन की जरूरत क्यों है ? यहाँ तो अभी बुनियादी आवश्यकताएँ भी पूरी नहीं हो पाई हैं |
रंजीत – नहीं सलीम ! सरकार देश के चहुँमुखी विकास के लिए कटिबद्ध है | धीरे – धीरे सभी कुछ ठीक होगा |
सलीम – तुम तो आशावादी हो | मुझे तो इन नेताओं की बातों पर भरोसा नहीं होता |
रंजीत – तुम इस बात से तो सहमत होगे कि सरकार ने अब तक जो भी कदम उठाए हैं सभी आम आदमी के हित में है |
सलीम – हाँ , इस बात से तो मैं सहमत हूँ |
रंजीत – तो बस विश्वास बनाए रखो | अच्छे दिन जरूर आयेंगे |
अभ्यास – कार्य
1.संवाद से क्या तात्पर्य है ? भाषा में संवादों का क्या महत्त्व है ?
2. संवाद लिखते समय किन – किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
3. निम्नलिखित विषयों पर लगभग 50 शब्दों संवाद लिखिए –
- श्री मति शर्मा तथा फलवाले के बीच फल खरीदने संबंधी संवाद |
- कास्मेटिक सामान खरीदने के संबंध में शर्मीला और दुकानदार का संवाद |
- अपने मित्र को स्टेशन पर लेने गये सुमित की ट्रेन के पहुँचने , प्लेटफार्म टिकट आदि के बारे में ‘पूछताछ खिड़की’ पर संवाद |
- पोस्ट आफिस में पोस्टकार्ड , लिफ़ाफ़े तथा टिकटें खरीदने के संबंध में बातचीत |
- बैंक में खाता खोलने के संबंध में ग्राहक एवं बैंक प्रबंधक के बीच संवाद |
- नया मकान खरीदने के लिए शर्मा जी बैंक से ऋण लेना चाहते हैं | इस संवंध में बैंक प्रबंधक और शर्मा जी के बीच संवाद |